कैसे लोग है कैसा देश हैं
मैं जो आधी आबादी हूँ, मैं जो आधी ज़मीन हूँ
ना गर्भ में जीने का हक़ है, ना गर्भ के बाहर
गर्भ के अन्दर ही तय कर दी जाती है मेरी किस्मत
और गर्भ के बाहर है मेरी मौत
मेरे जिस्म के लोथड़े में ऐसा क्या है जो अलग है
जो मुझे अंधेरे में, गुमनामी के वजूद में धकेल देता है
मास का लोथड़ा तो तुम्हारे पास भी है , दो आँखें और दो हाथ तो तुम्हारे पास भी है
यह हैवानीयत यह बर्बरता कहाँ से पैदा होती है
की तुम बेशर्मी से मुझे अपनी हवस में रोदने के लिए तैयार हो जाते हो!!
की तुम कभी गर्भ में यह जानकार की मैं हूँ, मेरे वजूद को रोंद डालते हो
तो कभी बलात्कार के रूप में, तो कभी आन की आड़ में मुझे मार देना चाहते हो
तुम्हारे दिमाग की और तुम्हारे वजूद की हेसीयत इतनी ही है कि
तुम जानवर में बदल जाते हो
या तुम्हारे भगवान ने तुम्हे जानवर ही बनाया है!!
और धर्मो में कहते है, की आदमी समझदार है, और औरत बेवकूफ, आदमी सभ्य है और औरत असभ्य
लानत है इस आधी-आदमी दुनिया पर !! लानत है !!
मैं जो आधी आबादी हूँ, मैं जो आधी ज़मीन हूँ
ना गर्भ में जीने का हक़ है, ना गर्भ के बाहर
गर्भ के अन्दर ही तय कर दी जाती है मेरी किस्मत
और गर्भ के बाहर है मेरी मौत
मेरे जिस्म के लोथड़े में ऐसा क्या है जो अलग है
जो मुझे अंधेरे में, गुमनामी के वजूद में धकेल देता है
मास का लोथड़ा तो तुम्हारे पास भी है , दो आँखें और दो हाथ तो तुम्हारे पास भी है
यह हैवानीयत यह बर्बरता कहाँ से पैदा होती है
की तुम बेशर्मी से मुझे अपनी हवस में रोदने के लिए तैयार हो जाते हो!!
की तुम कभी गर्भ में यह जानकार की मैं हूँ, मेरे वजूद को रोंद डालते हो
तो कभी बलात्कार के रूप में, तो कभी आन की आड़ में मुझे मार देना चाहते हो
तुम्हारे दिमाग की और तुम्हारे वजूद की हेसीयत इतनी ही है कि
तुम जानवर में बदल जाते हो
या तुम्हारे भगवान ने तुम्हे जानवर ही बनाया है!!
और धर्मो में कहते है, की आदमी समझदार है, और औरत बेवकूफ, आदमी सभ्य है और औरत असभ्य
लानत है इस आधी-आदमी दुनिया पर !! लानत है !!